Friday 27 March 2015

मेरे मासूम चेहरे को ना देखो-फिदा हो जाओ गे---मेरी मुहबबत को ना परखो-फना हो

जाओ गे---मेरे गुसताख इरादो पे ना हो कुरबान-जिनदगी से ही बेजाऱ हो जाओ गे-----

कभी फुऱसत से जो देखो गे मेरी निगाहो की चमक---अललाह कसम-----मेरा ही बनने

पे मजबूर हो जाओ गे----------

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...