मगरूर नही है तेरे पयार मे,बस मशहूर हुए है तेरी चाहत मे---जमाना दे रहा है दुहाई,पर
वकत नही है पास मेरे जमाने को बताने का--- मुहबबत के परिनदे है,सितम जमाने के
ना सह पाए गे---हजाऱो पाबनदियो के बाद भी अपना मुकाम बनाए गे--इबादत मे फना
की है मुहबबत अपनी,फिर डर जाए जमाने से-यह गुसताखी नही कर पाए गे----
वकत नही है पास मेरे जमाने को बताने का--- मुहबबत के परिनदे है,सितम जमाने के
ना सह पाए गे---हजाऱो पाबनदियो के बाद भी अपना मुकाम बनाए गे--इबादत मे फना
की है मुहबबत अपनी,फिर डर जाए जमाने से-यह गुसताखी नही कर पाए गे----