ताललुक नही रहा बेशक आज तेरी जिनदगी से-फिर भी जेहन मे तेरी यादे कहती है
कहानी मेेरी तनहाई की--कदम दर कदम चलते रहे,पर बहुत दूर रही मनिजल मेरी--
कभी टूटे कभी हारे,कभी खुद को यू ही बहलाते रहे कि चलना तो अकेलेे है-साथ मेरे
कोई भी नही--मन मे जो बाते है वो किसी को ना बता पाए गे--बस हमनवाॅ मेरे पहुॅचे
गे जब तुझ तक-तभी साऱी खवाहिशे बता पाए गे---------------
कहानी मेेरी तनहाई की--कदम दर कदम चलते रहे,पर बहुत दूर रही मनिजल मेरी--
कभी टूटे कभी हारे,कभी खुद को यू ही बहलाते रहे कि चलना तो अकेलेे है-साथ मेरे
कोई भी नही--मन मे जो बाते है वो किसी को ना बता पाए गे--बस हमनवाॅ मेरे पहुॅचे
गे जब तुझ तक-तभी साऱी खवाहिशे बता पाए गे---------------