Sunday 8 February 2015

आज एक कहानी तेरी है, कल मेरी भी होगी...यही लफज कहेे थे तुम ने,जब बरबाद

हुई थी मेरी जिनदगानी..टुकडो मे बॅटी थी साॅसे मेरी,तो तुमहारी साॅसो ने समभाली थी

राहे मेरी..आज जब समभल चुके है,उन जखमो से...तुम कहतेे हो......बस--मेरी अपनी

भी है एक जिनदगानी................

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...