Saturday 28 February 2015

एक बॅधन ऐसा भी--जिनदगी मे कभी मिले नही तुम से,फिर भी गहरी पहचान है---

कभी गुफतगु नही हुई तुम से,फिर भी बाते हजाऱो हुई है तुम से---कोई रिशता नही तुम

से,फिर भी जनमो का साथ है--मर नही पाए गे तेरे बिना,कयो कि यह सदियो का साथ

है-------एक बॅधन ऐसा भी--------------

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...