Saturday 14 February 2015

तेरी पाक मुहबबत के मायने समझ आ रहे है आज..तुमहे कयूू ठुकरा दिया हम ने,नही

जान पा रहे है आज..मुहबबत नाम नही सफाई देने का,मुहबबत तो नाम है साॅसो मे

साॅसे जजब करने का...हम पुकार रहे है आज......चले आओ......कि मुहबबत के मायने

समझ आ रहे है आज...............

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...