दबे पाॅव जो मिलने आए तुम से,यह पायल बज उठी...खुली आॅखो से जो देखा चेहरा
तेरा,मेरे चेहरे की ऱॅगत गुलाबी हो गई.....तेरी नजरो ने जो छुआ दामन मेरा,हजारो फूल
फिजाओ मे बिखर गए...यह पयार है या मेरा कोई खवाब,चूडियो की खनक मे तुम
बसते रहे कभी सुबह तो कभी रात.......
तेरा,मेरे चेहरे की ऱॅगत गुलाबी हो गई.....तेरी नजरो ने जो छुआ दामन मेरा,हजारो फूल
फिजाओ मे बिखर गए...यह पयार है या मेरा कोई खवाब,चूडियो की खनक मे तुम
बसते रहे कभी सुबह तो कभी रात.......