तेरे इनकार से तनहाॅ तो नही,बस उदास है हम...बेवजह जो यह आॅसू छलके है,उन से
परेशान है हम...उममीद का दामन छूटा है ,यही याद कर के खुद से बेजार है हम...तुम
ने नही चाहा हमे,कोई बात नही...पर अपनी चाहत को याद कर के खुद के तलबगाऱ है
हम...........
परेशान है हम...उममीद का दामन छूटा है ,यही याद कर के खुद से बेजार है हम...तुम
ने नही चाहा हमे,कोई बात नही...पर अपनी चाहत को याद कर के खुद के तलबगाऱ है
हम...........