कयूॅ नही समझा तुम ने हमारी आॅखो का इशारा,हम रोक रहे थे तुमहे..यह तुम ने कयूॅ
नही जाना..जरूरी तो नही सहारा लफजो का ही लिया जाए..हमारी पायल का खनकना..
वो अनदाज भी नही समझा तुम ने....कहते है पय़ार की जुबाॅॅ आॅखो से शुरू होती है...
फिर कयूॅ नही समझा मेरी आॅखो का इशारा.........
नही जाना..जरूरी तो नही सहारा लफजो का ही लिया जाए..हमारी पायल का खनकना..
वो अनदाज भी नही समझा तुम ने....कहते है पय़ार की जुबाॅॅ आॅखो से शुरू होती है...
फिर कयूॅ नही समझा मेरी आॅखो का इशारा.........