बेेपरवाह हवाओ नेेे उडा दी जुलफे तेरी...हम समझे यह मौसम की कहानी हैै...तुम रो
दिए मेेरेे कानधेे पे सर रख कर..हम ने जाना यह बारिश की बदली है....तुम गुजरे जिन
जिन राहो से मेरी मुहबबत बन के..वहाॅ आसमाॅ ने गिरा दी ओस की बूॅॅदे ऐसे...तो हम
यह समझे कि यह तो तेरे कदमो की ऱवानी है.........
दिए मेेरेे कानधेे पे सर रख कर..हम ने जाना यह बारिश की बदली है....तुम गुजरे जिन
जिन राहो से मेरी मुहबबत बन के..वहाॅ आसमाॅ ने गिरा दी ओस की बूॅॅदे ऐसे...तो हम
यह समझे कि यह तो तेरे कदमो की ऱवानी है.........