अकसर गुलाबो को तेरे बगीचो मे खफा देखा है...कभी कलियो को कभी काॅटो को खफा
देखा है...यू तो गुलाबो की महक पूरे आॅगन मे महकी है....बिखरी हुई पॅखडियो से यह
फिजा भी बहकी बहकी है.....पूछते है तुम से....जहाॅ महक रहा है आॅगन...महक रही है
फिजा....वहाॅ कयू है गुलाबो की अदा खफा खफा.........
देखा है...यू तो गुलाबो की महक पूरे आॅगन मे महकी है....बिखरी हुई पॅखडियो से यह
फिजा भी बहकी बहकी है.....पूछते है तुम से....जहाॅ महक रहा है आॅगन...महक रही है
फिजा....वहाॅ कयू है गुलाबो की अदा खफा खफा.........