Monday 29 December 2014

हजाऱो परिनदे उडा दिए हम ने,पर तेरी यादो को ना उडा पाए हम..हजारो शहरो मे घूमे

पर इक तेरे ही शहर मे बस नही पाए हम..गली गली ढूॅडा तुझे,पर तेरा ही ठिकाना नही

ढूॅड पाए हम..यह दुनियाॅ बहुत बडी है लेकिन....तेरे कदमो के वो निशाॅ ही ढूॅड नही पाए

हम....

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...