तूफाॅ बता कर नही आते,उन की तबाही ही आने को बयाॅ करती है..बिखर जाते है कितने
आरमाॅ,बिखरने के बाद ही जुबाॅ दे पाते है..तनहाॅ हो जाती है जिनदगीयाॅ कितनी,यह
तो जीने वाले ही जान पाते है..तडपते रहते है इनसाॅ कितने,यह जो तडप रहे है वो ही
जान पाते है...
आरमाॅ,बिखरने के बाद ही जुबाॅ दे पाते है..तनहाॅ हो जाती है जिनदगीयाॅ कितनी,यह
तो जीने वाले ही जान पाते है..तडपते रहते है इनसाॅ कितने,यह जो तडप रहे है वो ही
जान पाते है...