Friday 14 November 2014

जिनदगी ने हॅस कर पूछा मुझ से....कया खफा हो मुझ से..कभी कुछ कहा नही मुझ

से..कुछ शिकायत है मुझ से...........मुसकुराए हम,सोचा कि कया बोले.....बस धीमे

सेे कहा........तुझ से नाराज नही जिनदगी....बहुत खुश हूॅ...तुम ने जो दिया,जितना

दिया.....उसी को पा कर बहुत सनतुषट हूॅ......

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...