Wednesday 12 November 2014

जुबाॅ खामोश थी,पर इन नैनो ने सब कह दिया..तुम जो मुसकुराए,पलकेे भीगी और

यह नैना बह गए...फिर उठे कई हाथ दुआऔ के लिए,मननते हुई पूरी और जीवन सॅवर

गया...जीवन की राहो मे आते रहे कितने मकाम...जुबाॅ तब भी खामोश थी...पर नैनो

ने दामन नही छोडा...हमेशा मुसकुराते रहे.....

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...