फूूलो से महकना सीखा था..कलियो से सवॅरना..बीच बगीचे मे रहे,तो जीना सीखा..
राह मे काॅटे भी मिले..चुभन देने के लिए..पर खुशबू से महक रहा था तन मन इतना
कि सारे काॅटो को समझ कर नजराना अपना,मनिजल तक पहुच गए ले कर साहिल
अपना..
राह मे काॅटे भी मिले..चुभन देने के लिए..पर खुशबू से महक रहा था तन मन इतना
कि सारे काॅटो को समझ कर नजराना अपना,मनिजल तक पहुच गए ले कर साहिल
अपना..