Monday 27 October 2014

कुछ यादे कुछ वादे,और गुजरती रही जिनदगी...थोडी खुशी थोडा गम,देती रही यह

जिनदगी..जब भी सकून माॅगा हम ने,लापरवाह हो गई यही जिनदगी..अललाह से

चाहा मौत दे दो हमे,तो भी आडे आ गई यही जिनदगी.....

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...