कुछ यादे कुछ वादे,और गुजरती रही जिनदगी...थोडी खुशी थोडा गम,देती रही यह
जिनदगी..जब भी सकून माॅगा हम ने,लापरवाह हो गई यही जिनदगी..अललाह से
चाहा मौत दे दो हमे,तो भी आडे आ गई यही जिनदगी.....
जिनदगी..जब भी सकून माॅगा हम ने,लापरवाह हो गई यही जिनदगी..अललाह से
चाहा मौत दे दो हमे,तो भी आडे आ गई यही जिनदगी.....