यूू तो यह जिनदगी कभी भी भायी नही हमे..जिस जिस को चाहा,मन से पयार किया,
वो ही दगा दे गया हमे...बेइनतहाॅ पयार करने की कीमत कया होती है,इस जहान मे
ना जान सका कोई..बहुत तडपे,बहुत रोेए...खुद को तबाह करते रहे...जब खुद को खुद
के जमीर से मिलवाया,तो यह सोच कर हॅस पडे कि जिस से पयार सब से जयादा करना
था,उस को कयू भूल गए.बस अब खुद से पयार करते है बेइनतहाॅॅ..बेइनतहाॅ..बेइनतहाॅ.
वो ही दगा दे गया हमे...बेइनतहाॅ पयार करने की कीमत कया होती है,इस जहान मे
ना जान सका कोई..बहुत तडपे,बहुत रोेए...खुद को तबाह करते रहे...जब खुद को खुद
के जमीर से मिलवाया,तो यह सोच कर हॅस पडे कि जिस से पयार सब से जयादा करना
था,उस को कयू भूल गए.बस अब खुद से पयार करते है बेइनतहाॅॅ..बेइनतहाॅ..बेइनतहाॅ.