दरद जब हद से गुजरने लगता है,तो यह जमाना खूबसूरत लगने लगता है..गमो के
बीच रिशते जब बिखरने लगते है,तो एहसास टूटने लगते है...हर मनिजल बेहद पास
आ कर,बहुत दूर चली जाती है...फिर कोई मुहबबत नाकाम हो जाती है..आॅसू जब
बह बह कर सूख जाते है..फिर कोई दुआ पूरी होने से पहले ही अधूरी रह जाती है..बहुत
कुछ बदल जाता है...पूरा दरद खुद मे समेटे...तब यह जमाना खूबसूरत लगता है.........
बीच रिशते जब बिखरने लगते है,तो एहसास टूटने लगते है...हर मनिजल बेहद पास
आ कर,बहुत दूर चली जाती है...फिर कोई मुहबबत नाकाम हो जाती है..आॅसू जब
बह बह कर सूख जाते है..फिर कोई दुआ पूरी होने से पहले ही अधूरी रह जाती है..बहुत
कुछ बदल जाता है...पूरा दरद खुद मे समेटे...तब यह जमाना खूबसूरत लगता है.........