Tuesday 14 October 2014

दरद जब हद से गुजरने लगता है,तो यह जमाना खूबसूरत लगने लगता है..गमो के

बीच रिशते जब बिखरने लगते है,तो एहसास टूटने लगते है...हर मनिजल बेहद पास

आ कर,बहुत दूर चली जाती है...फिर कोई मुहबबत नाकाम हो जाती है..आॅसू जब

बह बह कर सूख जाते है..फिर कोई दुआ पूरी होने से पहले ही अधूरी रह जाती है..बहुत

कुछ बदल जाता है...पूरा दरद खुद मे समेटे...तब यह जमाना खूबसूरत लगता है.........

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...