Tuesday 30 September 2014

आज तो है,पर नही होगेे कल....दुनियाॅ तब करे गी याद आॅसू के मोतियो के साथ.....

लमहे जो आज है,वो कल नही होगेेे....फुरसत जो आज है वो कल नही होगी...

रफता रफता साॅसे थम जाए गी....यह रूह जो आज मेरी है,कल किसी और के जिसम

मे समा जाए गी.....यह सूरत जो पहचान है हमारी,एक दिन ऱाख के ठेर मे बदल जाए

गी....

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...