जिनदगी कब कहाॅॅ दसतक देती है...और किस मुकाम पर....कोई नही जानता....
पर वकत कहता है समभल जा...इमतहान तो अभी बाकी है...साॅसे कब कहाॅॅ साथ
छोड दे यह भी कोई नही जानता....परिॅदो की तरह उड जाना....वकत और जिनदगी
कया सोचे गे....यह भी कोई नही जानता.....
पर वकत कहता है समभल जा...इमतहान तो अभी बाकी है...साॅसे कब कहाॅॅ साथ
छोड दे यह भी कोई नही जानता....परिॅदो की तरह उड जाना....वकत और जिनदगी
कया सोचे गे....यह भी कोई नही जानता.....