ना कह पाए ना कह पाए गे..दिल मे छुपी बात कया कभी समझा पाए गे..
रफता रफता गुजरती जा रही है जिनदगी..जो लमहे गुजर गए वो लौट कर ना आए गे
इक दिन चले जाए गे इस दुनियाॅॅॅ से..पर जो कह नही पाए वो सब कागज के पननो
पर लिख कर छोड जाए गे..मिलेे जो कभी तुझ से जननत मे..आॅॅसूओ का सैैैलाब बहा
जाए गे..
रफता रफता गुजरती जा रही है जिनदगी..जो लमहे गुजर गए वो लौट कर ना आए गे
इक दिन चले जाए गे इस दुनियाॅॅॅ से..पर जो कह नही पाए वो सब कागज के पननो
पर लिख कर छोड जाए गे..मिलेे जो कभी तुझ से जननत मे..आॅॅसूओ का सैैैलाब बहा
जाए गे..