किसी केे लिए खुद को मिटाना. दरद सहना और रो रो कर किसमत से शिकवा करना..
जब मोल नही जजबातो का..जब सममान ही नही खयालो का..
फिर टूट कर कयू जीना,जिओ अब खुद के लिए.सपने चुनो अब खुद के लिए..
दुनियाॅ बहुत बडी है दोसतो,अभी भी इनसानित कायम है यहॅा दोसतो..
जब मोल नही जजबातो का..जब सममान ही नही खयालो का..
फिर टूट कर कयू जीना,जिओ अब खुद के लिए.सपने चुनो अब खुद के लिए..
दुनियाॅ बहुत बडी है दोसतो,अभी भी इनसानित कायम है यहॅा दोसतो..