हमारी कोई बात समझने के लिए,जजबातो को समझने के लिए..वकत ही तुमहारे
पास ना था..दिल और दौलत का फऱक समझने के लिए एक लमहा भी तुमहारे पास
ना था.. आज राहे हो गई है जुदा हजारो गलतफहमियो मे...वकत और किसमत कब
बदल जाते है...यह जानने का हिसाब भी तुमहारे पास ना था...
पास ना था..दिल और दौलत का फऱक समझने के लिए एक लमहा भी तुमहारे पास
ना था.. आज राहे हो गई है जुदा हजारो गलतफहमियो मे...वकत और किसमत कब
बदल जाते है...यह जानने का हिसाब भी तुमहारे पास ना था...