चनद सिकको के लिए कभी,ईमान नही बेचा हम ने..
भूखे भी सोते रहेे पर,किसी की भरी थाली पे नजऱ नही डाली हम ने...
भरोसा था अपनी इबादत पे,और आज भी हैै..
सहारे नही माॅगे थे कभी,ना माॅगे गे..एक थोडा सा साथ चलने के लिए..
अपनी ऱाहो पे अपने खुदा को,साथ ले कर दूर निकल जाए गेे....
भूखे भी सोते रहेे पर,किसी की भरी थाली पे नजऱ नही डाली हम ने...
भरोसा था अपनी इबादत पे,और आज भी हैै..
सहारे नही माॅगे थे कभी,ना माॅगे गे..एक थोडा सा साथ चलने के लिए..
अपनी ऱाहो पे अपने खुदा को,साथ ले कर दूर निकल जाए गेे....