हर जऱरा आफताब नही होता..तो हर सपना भी हकीकत मे तबदील नही होता..
हर कदम जो बढता है तरककी की तरफ,वो भी पूरा नही होता...
हम चल दे बेशक आसमाँ की तरफ,आसमाँ हम को बुला ले....
हकीकत मे एेसा नही होता.......
हर कदम जो बढता है तरककी की तरफ,वो भी पूरा नही होता...
हम चल दे बेशक आसमाँ की तरफ,आसमाँ हम को बुला ले....
हकीकत मे एेसा नही होता.......