कोयल की कूक ने सुबह को रँगीन बना दिया..
रात भर की उदासी को खुशनुमा माहौल ही बना दिया..
चपपे चपपे पे छाई है,मिठास की वो बोली..
मुहबबत ही सजा गई चहकती हुई वो बोली...
रात भर की उदासी को खुशनुमा माहौल ही बना दिया..
चपपे चपपे पे छाई है,मिठास की वो बोली..
मुहबबत ही सजा गई चहकती हुई वो बोली...