जीवन मे हमेशा दुखो मे जीते आए है,हर छोटी खुशी के लिए मोहताज होते आए है..
जब कभी खुशी आई तो साथ मे दुखो ने घेर लिय़ा,मेरे जजबातों को कही धकेल दिया..
जब कभी हँसी ने दसतक दी,जमाने ने हम से मुह फेर लिया...
अब थक गए है इतना कि खुद ही राहे बना कर..खुशी को ठूठ रहे है इतना...
जब कभी खुशी आई तो साथ मे दुखो ने घेर लिय़ा,मेरे जजबातों को कही धकेल दिया..
जब कभी हँसी ने दसतक दी,जमाने ने हम से मुह फेर लिया...
अब थक गए है इतना कि खुद ही राहे बना कर..खुशी को ठूठ रहे है इतना...