खामोशी ने तोडा है,दामन भीगी रात का..बूंद बूंद ओस ने बिछाया है बिसतर भोर का..
कुछ फूल बिछाए है रजनीगँधा की साँसों ने,सब मिला कर साथ दिया है.....
सुबह की बरसात ने......
कुछ फूल बिछाए है रजनीगँधा की साँसों ने,सब मिला कर साथ दिया है.....
सुबह की बरसात ने......