Wednesday 4 June 2014

चापलूसी की दुनियाँ मे,मिलते रहते है एेसे बहुत से लोग...

जो बोलते है पय़ार के इतने मीठे बोल...पर मकसद तो है अनदर से...

कि आ तुझे बता .दू......तू है कौन....

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...