जहाँ मोल ही नही जजबातों का,जहाँ दरद ही मिल रहा है पुरानी बातों का...
दरद जब हद से गुजरने लगे,तब तनहाँ जीना ही नही...
निकल रहे है नई राहों पे,अपने अकेलेपन के सकून को साथ लिए....
दरद जब हद से गुजरने लगे,तब तनहाँ जीना ही नही...
निकल रहे है नई राहों पे,अपने अकेलेपन के सकून को साथ लिए....