वो सामने था मेरे,पर जुबाँ तो खामोश थी..
हवाएँ थम सी गई थी,पर तूफान तेज था...
कहना चाहते थे दऱदे-ए-बयां...
कि दिल था बस खामोश था.....
हवाएँ थम सी गई थी,पर तूफान तेज था...
कहना चाहते थे दऱदे-ए-बयां...
कि दिल था बस खामोश था.....
दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...