कही कोई मनिजल कोई जुसतजू तो नही..इबादत मे खडे है तेरी..शिकायत कुछ भी
नही..बिना माँगे जो दे दिया तुम ने,वो किसी दुआ से कम तो नही...
नही..बिना माँगे जो दे दिया तुम ने,वो किसी दुआ से कम तो नही...
दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...