Thursday 22 May 2014

हम किनारे पे खडे थे,तूफान थमने की इनतजाऱ मे..

हम देखते ही रहे और तूफान थम गया..पर अपने दिल के उस तूफान से नही गुजर

पाए,जो उन की इनतजाऱ मे हमे आज भी किनारे पे लिए खडा है.....

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...