Saturday 31 May 2014

हर दुआ कबूल हो,एेसा होता तो नही...पर हर दुआ मे शिददत का असर हो,

तो वह दुआ कबूल हो जाती है,परवरदिगाऱ के पास लेखा जोखा होता है हमारे

करमो का,जहाँ इनसान ने हर शिकन हटाई,कुदरत ने इनसाफ की चादर बिछाईओ

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...