रासते बनते नही बनाए जाते है,
काफिला एक से नही बहुत लोगो से बनता है
खुद चलने की ताकत हो तो काफिले
भीड मे बदल जाते है
काफिला एक से नही बहुत लोगो से बनता है
खुद चलने की ताकत हो तो काफिले
भीड मे बदल जाते है
दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...