Saturday 24 May 2014

राहगुजर से पूछा कई बार तेरा नाम पता....

कोई नही जानता कि तू है कहाँ.....

मन के आईने मे रूबरू हुए तो पाया कि...

तेेरा बसेेरा तो..है यहाॅ......

दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का.... .....

 दे कर रंग इन लबो को तेरे प्यार का,हम ने अपने लबो को सिल लिया...कुछ कहते नहीं अब इस ज़माने  से कि इन से कहने को अब बाकी रह क्या गया...नज़रे चु...