अगर मै उसूलो को तोड कर जीता,तो बहुत कुछ पाता.धन दौलत के खजानो मे खुद
को घिरा पाता..पर ना मै इन उसूलो को तोड पाया,ना दौलत के तराजू मे खुद को तोल
पाया....पर उसूलो से जो मिला,वो खरे सोने से भी जयादा खूबसूरत रहा....
को घिरा पाता..पर ना मै इन उसूलो को तोड पाया,ना दौलत के तराजू मे खुद को तोल
पाया....पर उसूलो से जो मिला,वो खरे सोने से भी जयादा खूबसूरत रहा....